आज का लेख ग्लेशियर क्या है | Glacier meaning in hindi के बारे में जानेगे.
ग्लेशियर के बारे में आपने जरुर सुना होगा. इसी वर्ष उत्तराखण्ड में ग्लेशियर टूटने से एक विनाशकारी आपदा आयी है. जिसमे बहुत से लोग बहे और मरे गए है. और कई गावो को अपने बाढ़ के चपेट में ले लिया है. क्या आप जानते है कि ग्लेशियर क्यू पिघलते और टूट रहे है. यदि आप जवाब नहीं है तो आप यह लेख जरुर पढ़े.
मैं आपको बता दू कि इस लेख में ग्लेशियर क्या है और Glacier Meaning in Hindi से जुडी सम्पूर्ण जानकारियों को आपके साथ साझा करेगे. अगर आप एक स्टूडेंट्स है तो आपके लिए यह जानकारी अति लाभकारी होगी. जो अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओ में पूछे जाते है. यदि आप ग्लेशियर से जुडी जानकारिया हासिल करना चाहते है तो यह लेख अंत तक जरुर पढ़े.
Glacier meaning in hindi
ग्लेशियर का इंग्लिश अर्थ “ हिमानी यानी बर्फ के छोटे पहाड़ या घाटी में चलती हिमराशि (हिमनदी) ” होता है.
ग्लेशियर का हिन्दी मीनिंग “हिमानी या हिमनद“ होता है. लेकिन ग्लेशियर को हिन्दी में ग्लेशियर ही बोलते है.
ग्लेशियर शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा (Latin Language) के ग्लेशिया (glacia/glacies) से हुई है. जिसका मतलब Ice होता है और इसे हिन्दी में बर्फ कहा जाता है.
अब आप लोगो को Glacier meaning in hindi समझ में आया होगा. वास्तव में ग्लेशियर का हिन्दी अर्थ भी ग्लेशियर होता है. अभी आप लोगो को ग्लेशियर क्या है, ग्लेशियर कैसे बनते है और ग्लेशियर के बारे में रोचक जानकारी के बारे में जानना आवश्यक है तो चलिए जानते है ग्लेशियर क्या है ?
ग्लेशियर क्या है?
ग्लेशियर पृथ्वी के सतह पर हिमनद के विशाल आकार के रूप में धीमी गति से गतिशील बर्फराशि को कहते है. ग्लेशियर बर्फ के चादर (Ice Sheet) या पर्वतों के रूप में पाये जाते है. पर्वतीय ग्लेशियर ढालो के कारण नीचे की ओर प्रवाहित होती है.
ग्लेशियर की उत्पत्ति ऐसे इलाकों में होती है जहा हिमपात की मात्रा अधिक होती है और हिम का छय बहुत कम होती है. पृथ्वी पर सबसे ज्यादा ग्लेशियर पृथ्वी के ध्रुवों पर बर्फ के चादर (Ice Sheet) के रूप मौजूद में है.
लगातार हिमपात होने के कारण बर्फ के चादर के रूप में परवर्तित या इकठ्ठा हो जाती है और यही हिम (Ice) अपने भार के कारण सघन होने पर निचली ढलानों पर प्रवाहित होने लगती है जिसे हिमनद बोलते है. ग्लेशियर पिघलने पर जल प्राप्त होता है.
ग्लेशियर पृथ्वी के धरातल पर मीठे पानी का सबसे बड़ा श्रोत है. ग्लेशियर को हिम महाद्वीप भी कहा जाता है. जैसे अंटार्टिका और ग्रीनलैंड सबसे बड़े हिम महाद्वीप है. जिसका तापमान -70 डिग्री सेल्सियस है.
पृथ्वी पर ग्लेशियर का बहुत महत्व है क्योकि यह जलवायु परिवर्तन और तापमान परिवर्तन का सूचक माना जाता है.
विश्व का सबसे ऊचा ग्लेशियर सियाचिन ग्लेशियर है जिसकी ऊचाई लगभग 17770 फीट (Feet) है और यह लगभग 78 किलोमीटर वर्ग के क्षेत्रफल में फैला है. सियाचिन ग्लेशियर पूर्वी कराकोरम में स्थित है.
विश्व का सबसे लम्बा ग्लेशियर बियाफो हिमनद है जिसकी लम्बाई 68 किलोमीटर है और यह गिलगित बलिस्तान (पाकिस्तान के कश्मीर) के क्षेत्र में स्थित है.
ग्लेशियर कैसे बनते है
जब लगातार हिमपात होती है तो हिम बर्फ के चादर या पर्वतों के रूप में इकठ्ठा हो जाती है जो कम तापमान पर बर्फ पिघलती नही है. इसी प्रकार धीरे धीरे कई दशको तक बर्फ का एक विशाल द्रव्यमान का गठन होता है. जो ग्लेशियर का रूप ले लेती है. और जब ये पिघलने लगती है तो हिमनद या हिमनदी का रूप ले लेती है.
ग्लेशियर के बारे में रोचक जानकारी
ग्लेशियर के बारे में रोचक जानकारिया जो अक्सर परीक्षाओ में पूछे जाते है. ये जानकारी आपको ग्लेशियर के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करेगे. ग्लेशियर के बारे में रोचक जानकारी
- पृथ्वी पर 99% ग्लेशियर Ice Sheet के रूप में मौजूद है जिसे हिमनदी बोलते है.
- पूरी दुनिया में ग्लेशियर 50,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला है.
- ग्लेशियर 50 देशों में मौजूद है.
- ग्लेशियर पृथ्वी के 10% भूभाग में फैला है.
- पृथ्वी पर 7,000 से अधिक ग्लेशियर मौजूद है.
- सबसे ज्यादा ग्लेशियर पाकिस्तान में पाए जाते है.
- ग्लेशियर के ऊचे पर्वत श्रंखला भी होते है जैसे हिमालय, एंडीज, zard kuh (जार्ड गुह).
- ग्लेशियर के ऊचे पर्वत श्रंखलाए भारत में, पूर्वी अफ्रीका में, मेक्सिको में, न्यू guinea और ईरान में स्थित है.
- भारत का सबसे ऊचा बर्फ का पर्वत (ग्लेशियर) हिमायल है.
- विश्व में सबसे ज्यादा ग्लेशियर अंटार्टिका और ग्रीनलैंड में पाए जाते है.
- अंटार्टिका के ग्लेशियर का क्षेत्रफल 13.2 मिलियन किलोमीटर वर्ग है.
- ग्लेशियर को बर्फ का महाद्वीप भी कहा जाता है.
- ग्लेशियर का तापमान -70 डिग्री सेल्सियस से लेकर -180 डिग्री सेल्सियस तक हो सकता है.
ग्लेशियर तेजी से क्यू पिघल रहे है
ग्लेशियर पृथ्वी पर मीठे पानी का प्रमुख श्रोत है. वैज्ञानिको के आधार पर जलवायु परिवर्तन, ओजोन परत में छेद, ग्रीन गैसों का अत्यधिक उत्सर्जन और ग्लोबल वार्मिंग आदि के कारण ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे है.
तापमान का बढ़ना ग्लेशियरो के लिए बहुत बड़ा खतरा है जिसके कारण ग्लेशियर धीरे धीरे पिघलकर जल के रूप में परिवर्तित हो रही है. ग्लेशियरो के पिघलने से मानव का जीवन खतरे में है क्योकि ग्लेशियर का जल धीरे धीरे पृथ्वी के भूभाग को जलमग्न कर रहा है.
अन्तिम शब्द
आशा करता हू कि इस लेख ग्लेशियर क्या है और glacier meaning in hindi से आपको ज्ञानवर्धक जानकारी प्राप्त हुई होगी. और आपको ग्लेशियर के बारे जानने को मिला होगा. अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो कमेन्ट करे और इस लेख को व्हाट्सएप, पिंटरेस्ट और फेसबुक पर शेयर करे.

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